उज्जैन

Shipra River Ujjain: शिप्रा नदी के घाटों पर सुरक्षा इंतजाम नाकाफी, जान गंवा रहे श्रद्धालु – Shipra River Ujjain Security arrangements at ghats of Shipra river are inadequate

Shipra River Ujjain: 500 से ज्यादा लोगों को घाट पर मौजूद होमगार्ड के गोताखोरों व शिप्रा तैराक दल के तैराकों ने डूबने से बचाया है।

Publish Date: Mon, 20 Nov 2023 12:40 PM (IST)

Updated Date: Mon, 20 Nov 2023 12:47 PM (IST)

उज्जैन के रामघाट पर चेतावनी बोर्ड नदारद।

Shipra River Ujjain: नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। शिप्रा नदी के घाटों पर सुरक्षा के इंतजाम नाकाफी है। इस कारण आए दिन शिप्रा नदी में डूबने से श्रद्धालुओं की मौत हो रही है। रामघाट, दत्त अखाड़ा, रविदास घाट, सिद्ध आश्रम घाट पर स्नान के दौरान 10 माह में 25 से ज्यादा लोगों डूबने से मौत हो गई, वहीं आठ लोग नदी में कूदकर खुदकुशी कर चुके हैं। घाटों पर लगे लोहे के पाइप में बंधी रस्सी टूट चुकी है।

चेतावनी बोर्ड तक नहीं लगे हैं। हालत यह है कि होमगार्ड के गोताखोर अधिकांश समय नदारद रहते हैं। श्री महाकाल महालोक के बनने के बाद उज्जैन में रोजाना हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आ रहे हैं।

कई श्रद्धालु पहले शिप्रा नदी में स्नान के बाद दर्शन करने के लिए जाते हैं। लेकिन रामघाट घाट से लेकर नृसिंह घाट एवं उसके आसपास के घाटों पर सुरक्षा के पर्याप्त साधन नहीं हैं। नतीजा स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के डूबने का खतरा हमेशा बना रहता हैं।

सरकारी रिकार्ड के मुताबिक शिप्रा नदी में पानी की गहराई का अंदाजा नहीं होने के कारण पिछले 10 माह में 25 से अधिक लोगों की पानी में डूबने से मौत हो चुकी है और 500 से ज्यादा लोगों को घाट पर मौजूद होमगार्ड के गोताखोरों व शिप्रा तैराक दल के तैराकों ने डूबने से बचाया है।

लगातार हादसों के बाद बीते वर्ष जिला प्रशासन ने शिप्रा नदी के घाटों पर हरिद्धार व वाराणसी में गंगा नदी के तट पर सुरक्षा इंतजामों की तर्ज पर यहां भी इंतजाम करने की बात कहीं थी। 13 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्ताव भी बनाया था। मगर अधिकारियों इस प्रस्ताव पर गौर तक नहीं किया और उसे मंजूरी नहीं दी।

सिद्ध आश्रम घाट पर लगा दी रैलिंग

बीते कुछ समय पूर्व सिद्ध आश्रम घाट पर श्रद्धालुओं के डूबने की घटनाएं हो चुकी है। इसके बाद कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने दौरा किया था। इसके बाद पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने सिद्ध आश्रम घाट पर श्रद्धालु नहाने के लिए शिप्रा नदी में ना उतर सकें, इसके लिए रैलिंग ही लगा दी थी। जगह-जगह से रैलिंग टूटने के कारण श्रद्धालु घाट पर जाकर नहा रहे हैं।

रामघाट पर पाइप पर लगी रस्सी टूटी, बोर्ड गायब

सबसे ज्यादा श्रद्धालु रामघाट पर ही स्नान करते हैं। लेकिन यहां नदी में गहराई अधिक होने के कारण प्रशासन ने लोहे के पाइप लगाकर उसमें रस्सी बांधी थी कि श्रद्धालु गहरे पानी में ना जाएं, मगर रस्सी टूटी हुई है और गहरे पानी का चेतावनी बोर्ड भी गायब है। बीते दिनों यहां कई हादसे हो चुके हैं। इसके अलावा दत्त अखाड़ा घाट पर भी यही स्थिति बनी हुई है।

होमगार्ड के 35 गोताखोर हैं तैनात

होमगार्ड कमांडेंट संतोष कुमार जाट का कहना है कि रामघाट सहित अन्य घाटों पर श्रद्धालुओं को डूबने से बचाने के लिए 35 से ज्यादा गोताखोरों की 24 घंटे डयूटी लगा रखी है। गोताखोर आठ-आठ घंटे डयूटी पर तैनात रहते हैं। बीते 10 माह में 500 से ज्यादा श्रद्धालुओं को डूबने से बचाया जा चुका है।


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