उज्जैन

Mahakal Sawari Ujjain: कार्तिक मास की पहली सवारी में श्रावण जैसा उल्लास – Mahakal Sawari Ujjain: Shravan-like joy in the first ride of Kartik month

महाकाल मंदिर से शुरू होकर सवारी कोटमोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी, रामानुजकोट होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंची।

Publish Date: Mon, 20 Nov 2023 05:48 PM (IST)

Updated Date: Mon, 20 Nov 2023 05:48 PM (IST)

राजा के स्वागत में सवारी मार्ग पर सजाई रंगोली। नईदुनिया

HighLights

  1. राजा के स्वागत में सजाई रंगोली, दर्शन को उमड़े भक्त
  2. तीर्थ पूजन के लिए शिप्रा तट जाते भगवान महाकाल
  3. अवंतिकानाथ की एक झलक पाने के लिए सवारी मार्ग पर सैकड़ों भक्त उमड़े

उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से कार्तिक अगहन मास में सोमवार को भगवान महाकाल की पहली सवारी निकली। दोपहर 3.30 बजे मंदिर के सभा मंडप में प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने भगवान महाकाल के मनमहेश रूप का पूजन कर पालकी को नगर भ्रमण के लिए रवाना किया।

अवंतिकानाथ की एक झलक पाने के लिए सवारी मार्ग पर सैकड़ों भक्त उमड़े। संपूर्ण मार्ग पर श्रावण-भादौ मास में निकलने वाली सवारी जैसा उल्लास नजर आया। महाकाल मंदिर से शुरू होकर सवारी कोटमोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी, रामानुजकोट होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंची।

यहां पुजारियों ने शिप्रा जल से भगवान महाकाल का अभिषेक कर पूजा अर्चना की। पूजन पश्चात सवारी राणौजी की छत्री घाट के रास्ते शिप्रा नदी पर बने छोटे पुल के रास्ते गणगौर दरवाजा पहुंची। द्वार से नगर के प्रवेश के बाद कार्तिक चौक, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए शाम करीब 7 बजे पुन: मंदिर पहुंची।

राजा के स्वागत में सवारी मार्ग पर रंगोली सजाई गई थी। अनेक स्थानों पर पालकी का पूजन किया गया। बतादें इस बार कार्तिक अगहन मास में भगवान महाकाल की पांच सवारी निकाली जाएगी।

23 नवंबर को वैकुंठ चतुर्दशी पर हरि हर मिलन के लिए रात 11 बजे भगवान महाकाल की सवारी निकलेगी। साल में एक बार वैकुंठ चतुर्दशी के दिन रात के समय भगवान महाकाल की सवारी निकाली जाती है।


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