IND vs AUS: शास्त्री से तेंदुलकर तक, ऑस्ट्रेलिया में भारतीय क्रिकेटरों का बेस्ट ऑलराउंड परफॉर्मेंस

1. रवि शास्त्री (3-31 और 53 रन) बनाम न्यूजीलैंड- सेमीफाइनल, बेंसन एंड हेजेस कप वर्ल्ड चैंपियन ऑफ क्रिकेट, एससीजी, 1985
यह विश्व कप से अलग वनडे क्रिकेट में सबसे बड़े विश्व आयोजन का बड़ा सेमीफाइनल था. 69 रन पर 4 विकेट गिरने के बाद बाद जॉन रीड और जेरेमी कोनी के बीच 50 रनों की साझेदारी ने न्यूजीलैंड टीम के संभाला. भारत को अब विकेट की जरूरत थी और रवि शास्त्री वह शख्स थे, जिन्होंने भारत को ब्रेकथ्रू दिलवाया. इस मैच में शास्त्री ने जॉन रीड (55 रन), जेरेमी कोनी (33 रन) और सर रिचर्ड हेडली (03 रन) पर आउट कर भारत के लिए जरूरी विकेट लिए थे. शास्त्री ने 10 ओवर में 31 रन देकर 3 विकेट झटके, जिससे न्यूजीलैंड की टीम 206 का स्कोर भारत के लिए खड़ा कर पाई. इसके बाद रवि शास्त्री ने अपने बल्ले से भी कमाल दिखाया. उन्होंने 84 गेंदों में 53 रन की शादार पारी खेली थी. इस मैच को भारत ने 6 ओवर शेष रहते 7 विकेट से जीत लिया था. इस टूर्नामेंट में रवि शास्त्री ने 12 मैचों में 45.50 की औसत से 182 रन बनाए थे. 20.75 की औसत से 8 विकेट भी लिए थे. पूरी सीरीज में उम्दा प्रदर्शन करने के लिए शास्त्री को टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया. उन्हें चैंपियन ऑफ चैंपियनशिप का खिताब देते हुए ऑस्ट्रेलियन ऑडी 100 कार गिफ्ट मिली थी.
INDvsAUS: केएल राहुल बोले- ना तो पावर हिटर हूं, ना ही बनना चाहता हूं2. सचिन तेंदुलकर (62 गेंदों में नाबाद 54 रन और 1-37) बनाम पाकिस्तान, वर्ल्ड कप, एससीजी, 1992
यह एक बड़े टूर्नामेंच का बड़ा मैच था. 1992 वर्ल्ड कप में भारत और पाकिस्तान के बीच मैच में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड दर्शकों से पूरी तरह से भरा हुआ था. 18 साल के सचिन तेंदुलकर वसीम अकरम, इमरान खान और मुश्ताक अहमद जैसे दिग्गज बल्लेबाजों के सामने 62 गेंदों में नाबाद 54 रन की शानदार पारी खेलकर अपना दम दिखा चुके थे. भारत ने स्कोरबोर्ड पर 216 रन टांगे. इस शानदार पारी के बाद सचिन ने पारी में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले पाकिस्तानी बल्लेबाज आमिर सोहेल (62 रन) का विकेट भी झटका. जब जावेद मियांदाद और आमिल सोहेल के बीच 88 रन की खतरनाक पार्टनरशिपर हो रही थी, उस वक्त सचिन ने सोहेल को पवेलियन की राह दिखाई, जिसके बाद पाकिस्तानी बल्लेबाज संभल नहीं पाए. सचिन ने 10 ओवर में 37 रन दिए और एक विकेट भी हासिल किया. पाकिस्तान की पारी 173 रन पर सिमट गई.
3. संदीप पाटिल (70 गेंदों में 64 रन और 1-31) बनाम ऑस्ट्रेलिया, बेंसन एंड हेजेस कप वर्ल्ड चैंपियन ऑफ क्रिकेट, एमसीजी, 1980
ऑस्ट्रेलिया में यह भारत का पहला वनडे मैच था और यह ऐतिहासिक एमसीजी में हो रहा था. वनडे डेब्यू कर रहे संदीप पाटिल उस वक्त दबाव की स्थिति में बल्लेबाजी करने के लिए आए थे, जब भारत का स्कोर 65 रन पर 4 विकेट था. इस दबावपूर्ण स्थिति में उन्होंने 70 गेंदों में शानदार 64 रनों की पारी खेली. संदीप की पारी की बदौलत भारत 200 का आकंड़ा पार कर पाया. भारत ने 49 ओवर में 9 विकेट के नुकसान पर 208 रन बनाए. जवाब में जॉन डेसन और किम ह्यूज्स ने ओपनिंग विकेट के लिए 60 रन की साझेदारी कर ऑस्ट्रेलिया को शानदार शुरुआत दिलवाई. भारत को एक ब्रेकथ्रू की जरूरत थी और बल्लेबाजी में कमाल दिखाने के बाद पाटिल ने गेंद से भी अपना जलवा बिखेरा. उन्होंने 35 रन बनाने वाले ह्रयूज्स को पवेलियन की राह दिखाई. इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी ताश की तरह ढह गई. पूरी टीम 142 रन पर ऑलआउट हो गई. पाटिल ने 10 ओवर में सिर्फ 31 रन देकर किफायती गेंदबाजी की.
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4. कपिल देव (1-28 और 53 गेंदों में नाबाद 54 रन) बनाम न्यूजीलैंड, बेंसन एंड हेजेस वर्ल्ड सीरीज कप, ब्रिसबेन, 1986
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान कपिल देव ने इस मैच में 10 ओवर में 28 रन देकर एक विरेट हासिल किया. कपिल देव की इस किफायती गेंदबाजी के दम पर न्यूजीलैंड ने 9 विकेट के नुकसान पर 259 रन बनाए. गेंद से धमाल मचाने के बाद कपिल देव ने बल्ले से अपना कमाल दिखाया. श्रीकांत, सुनील गावस्कर और अमरनाथ की शानदार शुरुआत के बाद कपिल देव ने 53 गेंदों में नाबाद 54 रन की मैच जिताऊ पारी खेली. भारत ने इस मैच में 5 विकेट से जीत हासिल की.
5. कपिल देव (51 गेंदों में 75 रन और 1-37) बनाम न्यूजीलैंड, बेंसन एंड हेजेस वर्ल्ड सीरीज कप, ब्रिसबेन, 1980
इस मैच में कपिल देव जब बल्लेबाजी करने के लिए पिच पर उतरे, उस वक्त भारत का स्कोर 5 विकेट के नुकसान पर 84 रन था. इस दबाव में कपिल ने 51 गेंदों में 75 रन की शानदार पारी खेली. अपनी इस पारी में उन्होंने 9 चौके और 3 छक्के जड़े. कपिल की पारी की वजह से भारत स्कोरबोर्ड पर 204 रन का स्कोर टांगने में सफल रहा. इसके बाद कपिल ने शानदार गेंदबाजी करते हुए भारत को पहला ब्रेकथ्रू भी दिलावया. उन्होंने 67 रनों की ओपनिंग साझेदारी को तोड़ा और जॉन राइट को 42 रन पर पवेलियन की राह दिखाई. यह मैच काफी करीबी रहा, लेकिन अंत में दो बॉल शेष रहते भारत ने इसे तीन विकेट से जीत लिया.